SMPS (Power supply) क्या है? इसके uses
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SMPS (Power supply) क्या है? इसके uses |
SMPS (Power Supply) क्या है?
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SMPS power supply in hindi |
SMPS एक तरह का Electronic circuit होता है जो नार्मल AC करंट को lower DC में कन्वर्ट करता है। बाज़ार में अलग-अलग क्षमता के Devices के लिए अलग-अलग क्षमता के पॉवर सप्लाई भी उपलब्ध है SMPS की क्षमता को सामान्यतः watts में मापा जाता है total amperes और volts का गुणा करके निकाला जाता है। एक नार्मल SMPS के बात करें तो 350 watts से 400 watts तक का होता है।
Alternate Current और Direct current में अंतर
Alternate current का मान समय के साथ प्रिबर्तित होता रहता है यानी यह हर समय एक सा नहीं रहता यह बदलता रहता है जबकि Direct current का मान हमेशा एक ही रहता है यह बदलता नहीं है।हमारे घरो में हमेशा Alternate current का ही इस्तेमाल होता है क्यूंकि सभी तरह के electrical कंपोनेंट्स जैसे Light bulb, पंखा, Cooler, fridge आदि AC से ही चलते हैं। जबकि Electronic devices जिनमे digital operation perform होते हैं वे DC का इस्तेमाल करते हैं इसके अलावा Electroplating और बेल्डिंग में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
Alternate current को Direct current में convert करने के लिए डायोड का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि Direct current को alternate current में कन्वर्ट करने के लिए इन्वर्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
Computer के लिए DC की जरूरत क्यूँ होती है?
Computer के लिए Direct current क्यूँ जरूरी है इसके पीछे कई सारे कारण है लेकिन अभी हम बस एक सिंपल कारण के बारे में सरल भाषा में जानेंगे, जैसा की आप सभी जानते ही है DC समय के साथ बदलता नहीं है यह हमेशा एक जैसा बना रहता है और क्यूंकि हमारे सभी तरह के Digital devices जैसे मोबाइल या Computer binary operation perform करते हैं और यह Operation Current के flow होने और ना होने पर मापे जाते हैं अगर current flow होता है तो output 1 है और अगर current flow नहीं होता है तो output 0 है और अब काफी कभी ऐसी भी condition आती है जिसमे एक साथ एक से ज्यादा 1 या एक से ज्यादा 0 भी आउटपुट के रूप में produce करने होते है लेकिन Alternate करंट समय के साथ बदलता रहता है इसलिए इसके द्वारा ये results produce नहीं किये जा सकते इसलिए कंप्यूटर और बाकी Digital devices में Direct current का इस्तेमाल किया जाता है जहाँ पर 0 produce करने के लिए switches का इस्तेमाल किया जाता है।SMPS (Power supply) कैसे काम करता है?
वैसे तो अलग-अलग SMPS अलग-अलग तरह से काम करते हैं लेकिन हम यहाँ पर एक बेसिक SMPS Working के बारे में बात जो AC को lower DC में Convert करता है। सबसे पहले Alternate currrent Power cable के जरिये SMPS में आता है जो SMPS के अंदर लगे हुए कंपोनेंट्स जैसे Fuse और PF rectifier current को ठीक से analyze करते हैं और Volatage\ चेक करते हैं।उसके बाद करंट को Rectifier के पास भेजा जाता है rectifier को यहाँ पर switch या voltage doubler भी कहा जाता है। यह एक बार में 120 v. से 230 v. तक के operations करता है। Rectifier AC current से बहुत ज्यादा मात्रा में DC current produce करता है और यह current capacitor में भेज दिया जाता है। यह सारा current छोटी छोटी pulses के रूप में होता है इन सभी pulses में बहुत ही उच्च अब्रत्त्ती की ऊर्जा होती है।
इसके बाद इस सारे direct current को Regulation प्रोसेस के द्वारा चेक किया जाता है और एक reference voltage द्वारा मापा जाता है जो design और safety requirements के अनुसार पॉवर को मैच करता है और किसी भी तरह की गड़बड़ी और Volatage failure को रोकने के लिए इसमें एक controller लगा होता है जिसमे isolate mechanism होता है।
Types of Power Supplies
Linear Regulated Power Supply
यह एक श्रंखला अबरोधक घटक में output volatage को नियंत्रित करता है। यह बहुत ही कम load में regulate करने के लिए एक बहुत कम जटिल regulatory circuit का इस्तेमाल करते हैं।Switched-Mode Power Supply
इसके बारे में हम सभी पहले ही जान चुके हैं लेकिन इसके भी अलग अलग चार टाइप होते हैं जो कुछ इस तरह है।Types of SMPS -
- DC to DC converter - यह एक voltage level के DC current को दुसरे voltage level के DC करंट में convert करता है।
- Forward converter - यह भी एक तरह का DC तो DC converter ही है जो output voltage को बढाने और घटाने के लिए transformer का इस्तेमाल करता है।
- Flyback Converter - यह दोनों तरह के converter के रूप में कार्य कर सकता है चाहे AC to DC करना हो या DC to DC इसके लिए यह Galvanic isolation को काम में लेता है और साथ ही इसके लिए इसे separate oscillator की जरूरत भी होती है।
- Self-oscillating Flyback Converter - यह भी Flyback converter जैसा ही है लेकिन यह Separate oscillator को काम में नहीं लेता इसके लिए इसमें अंदर ही एक oscillator लगा हुआ होता है।
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